एशिया-प्रशांत सहयोग में चीन ज्यादा गति लाए : वैश्विक नेटिजनों की उम्मीद

एशिया-प्रशांत सहयोग में चीन ज्यादा गति लाए : वैश्विक नेटिजनों की उम्मीद

एपेक शिखर सम्मेलन का आयोजन होने वाला है। इस साल एपेक की स्थापना की 35वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के अधीनस्थ सीजीटीएन ने वैश्विक नेटिजनों में एक सर्वेक्षण किया।

आंकड़ों के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल 86.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि क्षेत्रीय आर्थिक वृद्धि और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने में एपेक ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार और निवेश के उदारीकरण और सुविधा का स्तर काफी हद तक उन्नत हुआ। इससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र दुनिया में सबसे सक्रिय और विकास की सबसे बड़ी निहित क्षमता वाला क्षेत्र बन गया है।

एपेक में उच्च आर्थिक विकास दर मुख्त रूप से आंतरिक मांग और आपसी व्यापार से आती है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के समृद्ध विकास से जाहिर है कि सहयोग करने पर ही विकास किया जाएगा। सर्वेक्षण में शामिल 85.2 प्रतिशत नेटिजनों ने कहा कि विभिन्न देशों को बहुपक्षवाद और आर्थिक वैश्वीकरण पर कायम रखते हुए खुली अर्थव्यवस्था बढ़ाने के साथ क्षेत्रीय सहयोग करना चाहिए। इसके साथ, 89.5 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि विभिन्न देशों को सभी तरह के संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए और खुले व समावेशी रवैये से एशिया-प्रशांत मुक्त व्यापार क्षेत्र का निर्माण बढ़ाना चाहिए।

विश्व आर्थिक मंदी और क्षेत्रीय सहयोग में चुनौतियां मौजूद होने की स्थिति में एशिया-प्रशांत क्षेत्र ज्यादा जिम्मेदारी निभाता है। सर्वेक्षण में शामिल 93.7 प्रतिशत नेटिजनों ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न पक्षों से सहमति इकट्ठा कर एशिया-प्रशांत साझे भविष्य वाले समुदाय का निर्माण करने की अपील की। एपेक चीन के लिये सुधार और खुलेपन की नीति लागू होने के बाद शामिल पहला क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है। 95.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने एपेक में चीन की भूमिका की प्रशंसा की।

बताया जाता है कि यह सर्वेक्षण सीजीटीएन के अंग्रेजी, स्पेनिश, फ्रांसीसी, अरबी और रूसी भाषा प्लेटफार्म में जारी किया गया। 24 घंटों में 6,071 नेटिजनों ने इसमें हिस्सा लिया।

(CRI)

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