भारत-चीन के बीच 2025 में गहरे होंगे संबंध ! नई उम्मीदों के साथ नीतियों पर होगा मंथन

भारत-चीन के बीच 2025 में गहरे होंगे संबंध ! नई उम्मीदों के साथ नीतियों पर होगा मंथन

भारत और चीन के लिए आने वाला साल 2025 अहम है, क्योंकि दोनों ही देश ही साल 2025 में भारत और चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ में मनाने जा रहे हैं। ऐसे में दोनों ही देशों के बीच संबंधों में और मधुरता आने की उम्मीद पिछले कुछ समय में मिली है। क्योंकि चीन और भारत एक दूसरे न केवल अहम पड़ोसी है बल्कि दोनों के सांस्कृतिक और प्राचीन संबंध भी हैं। सीमा, जल सहभाजन, क्षेत्रीय सहयोग, व्यापार, जैसे अहम मुद्दे दोनों देश एक दूसरे साथ शेयर करते हैं। इसके अलावा भारत और चीन दोनों ही दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं, जिन पर पूरी दुनिया की नजरें रहती है। ऐसे में एशिया की दो महाशक्तियों की बीच बातचीत और संवाद तो लगातार जारी है ही है, बल्कि हाल ही में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच लंबी बातचीत के बाद दोनों देशों को आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक मोर्चे पर 2025 में लाभ होने की पूरी उम्मीद है।

 

ब्रिक्स में पीएम मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात से बनी बात

 

2024 के अक्टूबर महीने में रूस के कजान शहर में ब्रिक्स सम्मेलन हुआ था, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच लंबी मुलाकात हुई थी, इस मुलाकात में दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों ने आपसी सहयोग और आपसी विश्वास को बनाए रखने पर जोर दिया जिसका असर 2025 में दिखने की पूरी उम्मीद की जा रही है। दोनों नेताओं के बीच विश्व विकास और शांति को बढ़ावा देने पर ही चर्चा हुई थी, इस बैठक के बाद जिसका असर अब दिखने लगा है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच भी मुलाकात हुई, जिसमें दोनों बड़े नेताओं ने एक दूसरे के सहयोग की बात कही साथ ही आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों की नींव बनी रहने पर जोर दिया, जिससे भारत और चीन रिश्ते 2025 में और मजबूती से आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि दोनों देश एक दूसरे के साथ मजबूती से काम करते रहे हैं।

 

मोदी-शी चिनफिंग का कनेक्‍शन

 

चीन के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुराना कनेक्शन है, क्योंकि दोनों नेता अपने-अपने देशों की कमान लंबे समय से संभाल रहे हैं। पहले भी दोनों नेता एक दूसरे का गर्मजोशी के कई बार न केवल स्वागत कर चुके हैं बल्कि अपनी-अपनी दूरदर्शिता का परिचय भी दुनिया को देते रहे हैं। ऐसे में 2025 में एक बार फिर से दोनों नेताओं के बीच कनेक्‍शन दिखने की उम्मीद है जो भारत और चीन के लिहाज से अहम होगा। चीन के राष्ट्रपति ने कहा था कि भारत और चीन दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं और दोनों देशों को साझेदार के रूप में काम करना है और प्रगति की तरफ आगे बढ़ना है। इसी तरह पीएम मोदी ने भी ने भी कहा कि दो सबसे बड़ी आबादी वाले देशों के बीच आपसी भरोसा, आदर और संवेदनशीलता बनाकर हम विश्व विकास और शांति की दिशा में काम करेंगे। 2024 में हुई यह शुरुआत अब भारत और चीन के लिए 2025 में नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।

 

व्यापार में भारत चीन के अवसर

 

भारत और चीन एक दूसरे के लिए सबसे बड़े व्यापार सहयोगी हैं, तो राजनीतिक तौर पर एशिया में दो सबसे बड़ी ताकत भी है। इसी तरह भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संबंध भी बहुत पुराने हैं।

 

ऐसे में दोनों देशों के बीच आर्थिक-राजनीतिक और सांस्कृतिक हितों के साथ ही आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट बताते हैं कि दोनों देश 2025 में विश्व विकास और शांति को बढ़ावा देने के लिए और भी नए प्रयास कर सकते हैं। चीन ने साल 2024 में इंडिया के सबसे बड़े व्यापार सहयोगी का दर्जा हासिल किया था, जहां ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानि (GTRI) के आंकड़े बताते हैं कि 2024 के वित्त वर्ष में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 118।4 अरब डॉलर रहा था, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक मामलों के समझा जा सकता है। खास बात यह है कि हाल ही में पश्चिमी देशों के बीच गतिरोध बढ़ा है। ऐसे में भारत और चीन के लिए 2025 और अहम हो जाता है क्योंकि ऐसी स्थिति में भारत और चीन के बीच आयात और निर्यात और भी बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

 

दुनिया को चीन-भारत की जरुरत

 

वहीं बात अगर राजनीतिक तौर पर की जाए तो एशिया की दो बड़ी ताकत जब एक साथ काम करती हैं तो यह पश्चिमी देशों के लिए भी बड़ा मैसेज होगा। क्योंकि पश्चिमी देशों को एशिया की दो महाशक्ति भारत और चीन के सहयोग की जरुरत हैं। यही वजह है कि चीन-भारत के संबंध भू-राजनीतिक जीत का सबसे अच्छा प्रमाण माने जाते हैं। अरब के देशों में चल रही अस्थिरता और पश्चिमी देशों में भी बन रही सियासी स्थितियों के बीच दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए भारत और चीन 2025 में कुछ अहम फैसले ले सकते हैं। यही वजह है कि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए व्यापार, सुरक्षा और बहुपक्षीय सहयोग के काम भारत और चीन के संबंधों में दूरगामी परिणाम ला सकते हैं।

 

सांस्कृतिक संबंध हो रहे मजबूत

 

चीन और भारत सांस्कृतिक तौर पर भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा फिर से दोनों देशों के बीच शुरू हो चुकी है, जबकि दोनों देशों से गुजरने वाली नदियों से जुड़े आंकड़े भी इस साल सांझा होंगे, इतना ही नहीं भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानों में भी बढ़ोत्तरी होगी। जिससे 2025 में भारत और चीन के सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होने की उम्मीद की जा रही है।

 

विकास और शांति पर रहेगा चीन और भारत का फोकस

 

भारत और चीन का फोकस विकास और शांति पर सबसे ज्यादा है। जबकि इस साल भी दोनों गणराज्य इसी पर काम कर सकते हैं। क्योंकि दोनों देशों के बीच 2024 में कई मामलों पर सहमति बन चुकी है तो माना जा रहा है कि 2025 में कई और मामलों में सहमति बनेगी। जिस तरह से विश्व में शांति बनाए रखने के लिए भारत और चीन ने रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी भी तरह से परमाणु हथियार के इस्तेमाल न किए जाने को लेकर एक राय दी। उसी तरह विकास की रफ्तार बनाए रखने के लिए दोनों देशों ने आर्थिक मामलों पर भी सहमति बनाई है। इस लिहाज से कह सकते हैं आने वाला साल 2025 भारत और चीन के आपसी रिश्तों में और मजबूती लाएगा।

 

 

 

(CRI)

 

 

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