यिवू: एक ग्लोबल बिजनेस हब जहाँ भारतीय उद्यमी फलते-फूलते हैं!

यिवू: एक ग्लोबल बिजनेस हब जहाँ भारतीय उद्यमी फलते-फूलते हैं!

दक्षिण-पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत में यिवू शहर को “छोटे सामानों की विश्व राजधानी” के रूप में जाना जाता है। 40 लाख वर्ग मीटर में फैले अपने विशाल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बाजार के साथयिवू दुनिया भर के व्यापारियों और उद्यमियों को आकर्षित करता है।

इस ग्लोबल ट्रेड हब वाले शहर में खिलौनों और इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर घरेलू सामान और फैशन के सामान तक सब कुछ मिलता हैजो छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों को अपनी ओर खींचता है।

यिवू के संपन्न प्रवासी समुदाय में कई भारतीय शामिल हैं जिन्होंने इस शहर को अपना घर बना लिया है, और इस शहर की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हुए इसके गतिशील कारोबारी माहौल को अपनाया है। सफल रेस्तरां चलाने से लेकर दुनिया भर में सामान निर्यात करने तकइन भारतीय उद्यमियों ने यिवू के चहल-पहल भरे बाज़ार में अपने लिए एक जगह बनाई है।

व्यंजन के माध्यम से संस्कृति साझा करना

एशियन वोक एंड ग्रिलनाम से एक भारतीय रेस्तरां चलाने वाली माधवी गंगतानी के लिएयिवू ने व्यापार को सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ जोड़ने का मौका दिया है। माधवी ने कहा, हम लगभग 10 वर्षों से यहाँ हैं। शुरुआत मेंहम एक ट्रेडिंग बिजनेस चला रहे थेलेकिन हमने देखा कि यहाँ की विविधतापूर्ण आबादी दुनिया भर के व्यंजनों में रुचि रखती है। इसने हमें एक भारतीय रेस्तरां खोलने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने यह भी कहा, यिवू अवसरों से भरा हुआ है। यहाँ के लोग मिलनसार और खुले विचारों वाले हैं। शुरू में चीनी भाषा न जानने के बावजूद भीमुझे यहाँ खुद को ढालना आसान लगा। यह शहर बेहद सुरक्षित और आरामदायक है।

दो दशकों का सफ़र

लिटिल इंडिया रेस्तरां के मालिक विकास रमानी ने यिवू के बदलाव को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। उन्होंने कहा, मैं 2005 में यहाँ आया थाऔर यह देखना आश्चर्यजनक है कि शहर कैसे विकसित हुआ है। उस समययहाँ बहुत कम भारतीय थे और सीमित बुनियादी ढाँचा था। लेकिन आजयिवू एक ग्लोबल बिजनेस हब है।

दुनिया भर के उद्यमियों के लिए शहर की अपील पर प्रकाश डालते हुएरमानी ने कहा, “चाहे आप छोटी शुरुआत कर रहे हों या बड़ा लक्ष्य बना रहे होंयिवू बेजोड़ मौका देता है। यहाँ भारतीय समुदाय काफ़ी बढ़ गया हैऔर दीवाली, होली जैसे त्यौहार उत्साह के साथ मनाए जाते हैंजिससे सभी एक साथ इकट्ठा होते हैं।

एक समृद्ध कारोबारी माहौल

यिवू में 12 साल से रह रहे कारोबारी सनी विनोद खत्री के लिए शहर का विकास उल्लेखनीय रहा है। उनका मानना है कि यिवू दुनिया के सबसे बेहतरीन छोटे कमोडिटी बाज़ारों में से एक है। यहां व्यापारी सही दाम पर गुणवत्तापूर्ण सामान पा सकते हैंयहाँ रोज़ाना नए उत्पाद पेश किए जाते हैं। यह उन लोगों के लिए एक स्वर्ग है जो बिजनेस शुरू करना या बढ़ाना चाहते हैं।

सनी यिवू की जीवनशैली की प्रशंसा करते हुए कहते हैं, “ये शहर शांत और सहज है। काम के बाददोस्तों से मिलना या परिवार के साथ भोजन का आनंद लेना आम बात है। आस-पास इतने सारे भारतीय रेस्तराँ होने के कारणयहाँ घर जैसा महसूस होता है।

भारतीय स्वाद के लिए खानपान

पंडित जी इंडियन रेस्तराँ के सह-मालिक मनीष भारवाड़ साल 2013 से यिवू में एक वेज़ रेस्तरां चला रहे हैं। उन्होंने बताया, यिवू बिजनेस के लिए एक बेहतरीन जगह है। बाज़ार बहुत बड़ा हैऔर सब कुछ सुविधाजनक स्थान पर है। भारतीय समुदाय के लिएयहाँ भारतीय व्यंजनों के लिए एक स्ट्रीट भी हैजहाँ शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के विकल्प मिलते हैं।

हाल ही मेंभारवाड़ ने शाकाहारी बेकरी खोलकर अपने बिजनेस को बढ़ाया है। उन्होंने कहा, हम शाकाहारी केक से लेकर ब्रेड तक सभी के लिए अधिक विकल्प देना चाहते थे। प्रतिक्रिया शानदार रही हैऔर इससे हमें अपना बिजनेस बढ़ाने में मदद मिली है

यिवू: घर से दूर एक घर

यिवू में भारतीय न केवल अपने बिजनेस को बढ़ा रहे हैंबल्कि समुदाय की भावना को भी बढ़ावा दे रहे हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों और त्यौहारों को उत्साह के साथ मनाए जाने के साथयह शहर भारतीयों के लिए दूसरे घर जैसा लगता है। यिवू के बाजार मेंजिसमें 1 लाख से अधिक दुकानें हैंसामानों की एक विस्तृत श्रृंखला हैजो प्रतिस्पर्धी कीमतों पर गुणवत्ता वाले सामान की तलाश करने वाले भारतीय व्यापारियों को आकर्षित करती है।

शहर का बेहतर बुनियादी ढांचा और स्वागत करने वाला माहौल इसे उद्यमियों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाता है। जैसा कि सनी खत्री ने कहा, “यिवू अवसरों का शहर हैऔर इसका बाजार बेजोड़ है। जो कोई भी तलाश करने के लिए इच्छुक हैउसके लिए संभावनाएं अनंत हैं।

कड़ी मेहनतबहुमुखी प्रतिभा और समुदाय की गहरी भावना के माध्यम सेयिवू में भारतीय फल-फूल रहे हैं। वे शहर को ग्लोबल बिजनेस हब बनाने में योगदान दे रहे हैं और साथ ही इसकी सांस्कृतिक पहचान को भी बनाए रख रहे हैं।

(CRI)

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