डेनमार्क की प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने 2 अप्रैल को ग्रीनलैंड द्वीप में कहा कि डेनमार्क सरकार ग्रीनलैंड को अमेरिकी नियंत्रण में रखने की अनुमति नहीं देगी।
उस दिन की दोपहर के बाद फ्रेडरिक्सन ने ग्रीनलैंड की राजधानी नूक पहुंचकर तीन दिवसीय यात्रा शुरू की। उन्होंने मीडिया को बताया कि उनकी मौजूदा यात्रा का मुख्य उद्देश्य ग्रीनलैंड स्वायत्त सरकार के नेताओं के साथ राजनयिक और सुरक्षा स्थिति पर विचार करना है।
उन्होंने बल दिया कि बाहरी दबाव के सामने ग्रीनलैंड, डेनमार्क और यूरोप को एकजुट होना है। ग्रीनलैंड की प्रभुसत्ता, सीमा और भविष्य पर अमेरिका के दबाव में हमें एक साथ खड़ा रहना है।
गौरतलब है कि ग्रीनलैंड उत्तर अमेरिका के उत्तर पूर्व में स्थित है, जो विश्व में सबसे बड़ा द्वीप है। यह द्वीप डेनमार्क की स्वायत्त भूमि है। डेनमार्क सरकार उसकी प्रतिरक्षा और राजनयिक मामले के लिए जिम्मेदार है। CRI