स्थिरता के साथ अमेरिकी उन्माद से निबट रहा चीन

स्थिरता के साथ अमेरिकी उन्माद से निबट रहा चीन

अमेरिका ने चीन पर 125 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है। यह मनमानी कार्रवाई मानी जा रही है। चीनी कूटनीति कॉलेज के प्रोफेसर ली हाईतुंग की नजर में अमेरिका की कार्रवाई से जाहिर है कि वह टैरिफ को अधिकतम दबाव डालने और स्वार्थ सिद्ध करने का हथियार बना रहा है। उसके अंदर संकट रच कर अपना उत्तम स्थान उजागर करने की प्रभुत्ववादी मानसिकता है। अमेरिका के उन्माद के विपरीत चीन अपनी स्थिरता से विश्व में स्थिरता डाल रहा है।

 

सबसे पहले चीन का पक्ष स्पष्ट और सतत् है। चीन ने शुल्क मुद्दे पर जारी श्वेत पत्र में कहा कि चीन अमेरिका आर्थिक व व्यापारिक सम्बंध का मर्म पारस्परिक लाभ और साझी जीत है। दोनों पक्ष समानतापूर्ण वार्तालाप और पारस्परिक लाभ वाले सहयोग से मतभेदों का समाधान निकाल सकते हैं। अमेरिका से छिड़े टैरिफ वार के प्रति चीन ने कई बार स्पष्ट किया है कि अगर अमेरिका वार्ता करना चाहता है, तो वार्ता का द्वार खुला है। अगर अमेरिका लड़ना चाहता है, तो चीन अंत तक जवाबी कार्रवाई करेगा। ध्यान रहे अमेरिकी टैरिफ धमकी के सामने चीन ने कई दौर की जवाबी कार्रवाई की है। इसने न सिर्फ अपनी प्रभुसत्ता, सुरक्षा और विकास के अधिकारों व हितों की सुरक्षा की, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियम और अंतर्राष्ट्रीय न्याय व निष्पक्षता की भी सुरक्षा की है।

 

इसके साथ चीन की स्थिरता इससे भी प्रतिबिंबित है कि चीन अपने कार्य में संलग्न रहता है। इस साल की पहली तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि का अच्छा रूझान बना रहा। उपभोग प्रोत्साहन की श्रृंखलात्मक नीतियों का प्रभाव नजर आ रहा है। कुछ दिन के बाद 137वां चीन आयात निर्यात मेला उद्घाटित होगा। इसमें भाग लेने वाले उद्यमों की संख्या पहली बार 30 हजार से अधिक होगी, जो पिछले मेले से अधिक होगी।

 

एक जिम्मेदार प्रमुख देश के नाते चीन अपनी नीतियों की स्थिरता से खुली विश्व अर्थव्यवस्था का निर्माण भी बढ़ा रहा है। फिलहाल चीन ने यूरोपीय संघ और आसियान के साथ संवाद कर एक साथ बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था की सुरक्षा पर बल दिया। अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों के विचार में अमेरिका की तुलना में चीन अधिक विश्वसनीय आर्थिक वृद्धि का स्रोत है। CRI

facebook
Twitter
Follow
Pinterest

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *