अमेरिका का चीन के उन्नत चिप्स पर प्रतिबंध: एकतरफा दबाव और वैश्विक चिंताएं

अमेरिका का चीन के उन्नत चिप्स पर प्रतिबंध: एकतरफा दबाव और वैश्विक चिंताएं

श्याओयांग

हाल ही में, अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा कथित निर्यात नियंत्रण उल्लंघनों के आधार पर विश्व स्तर पर चीन के उन्नत कंप्यूटिंग चिप्स पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया गया है। यह एकतरफा और धमकाने वाला रवैया चीनी कंपनियों के वैध अधिकारों और हितों को गंभीर क्षति पहुंचाता है, साथ ही वैश्विक अर्धचालक (सेमिकंडक्टर) उद्योग श्रृंखला की स्थिरता को भी कमजोर करता है। यह कदम न केवल चीन और अमेरिका के बीच उच्च स्तरीय वार्ताओं में बनी सहमति का उल्लंघन है, बल्कि अन्य देशों को भी उन्नत तकनीकों को प्राप्त करने और विकसित करने के अधिकार से वंचित करता है, जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में इसकी व्यापक आलोचना हो रही है।

अमेरिकी सरकार की ये कार्रवाइयां चीन की तकनीकी सफलताओं और बाजार में उसकी बढ़ती हिस्सेदारी को लेकर गहरी चिंता को दर्शाती हैं। जैसे-जैसे उच्च-तकनीकी चिप्स का महत्व बढ़ता जा रहा है, अमेरिका ने निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से लेकर चीन के निर्यात को सीमित करने तक अपने क्षेत्राधिकार का विस्तार किया है। इसका मुख्य उद्देश्य चीन के उच्च-तकनीकी विकास की गति को धीमा करना और वैश्विक अर्थव्यवस्था तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अमेरिकी प्रभुत्व को बनाए रखना है। हालांकि, यह दृष्टिकोण तकनीकी विकास की स्वाभाविक प्रवृत्ति के विपरीत है, क्योंकि चिप निर्माण एक वैश्विक उद्योग का विशिष्ट उदाहरण है, जिसके लिए विभिन्न देशों और कंपनियों के बीच घनिष्ठ सहयोग आवश्यक है।

प्रसिद्ध अमेरिकी विद्वानों और उद्यमियों ने भी इस बात पर जोर दिया है कि संरक्षणवादी नीतियां प्रतिस्पर्धा की रक्षा नहीं कर सकती हैं। उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, देशों को शून्य-सम खेलों में शामिल होने के बजाय सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। अमेरिकी सरकार की वर्तमान नीतियां अमेरिका की ताकत और नवाचार के आधार स्तंभों को कमजोर कर रही हैं, तकनीकी नवाचार में बाधा डाल रही हैं और अमेरिकी कंपनियों तथा उपभोक्ताओं के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं। इसके विपरीत, चीन ने हाल के वर्षों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें क्वांटम प्रौद्योगिकी से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ह्यूमनॉइड रोबोट उद्योग तक कई क्षेत्रों में लगातार “जवाबी हमले” और सफलताएं हासिल की हैं।

चिप्स के क्षेत्र में, अमेरिकी नाकाबंदी चीन के विकास को उस तरह से रोकने में विफल रही है जैसा कि अपेक्षित था। आंकड़ों से पता चलता है कि चीन के एकीकृत सर्किट के निर्यात मूल्य और निर्यात मात्रा दोनों में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है, और वैश्विक अर्धचालक उद्योग में उसकी आवाज धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि चीन के विकास और प्रगति को किसी भी प्रकार के प्रतिबंध या नाकाबंदी से रोका नहीं जा सकता है।

“दूसरों की रोशनी बुझा देने से आपकी अपनी रोशनी नहीं चमकेगी।” अमेरिका को जल्द से जल्द अपनी गलत नीतियों को सुधारना चाहिए, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और व्यापार नियमों का पालन करना चाहिए और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विकसित करने के अन्य देशों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। चीन बातचीत और संचार के माध्यम से अमेरिका के साथ मतभेदों को उचित ढंग से हल करने के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही वह सभी एकतरफा और धमकाने वाले व्यवहार को दृढ़ता से अस्वीकार करता है। इतिहास इस बात का प्रमाण है कि अमेरिका अतीत में चीन के विकास को बाधित करने में सफल नहीं हो सका, और भविष्य में भी ऐसा करने में सक्षम नहीं होगा।

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