दिव्या तिवारी
आज का युग वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जहां तेजी से बढ़ती विकास की रफ्तार में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी काम किया जाना जरूरी है। चीन दुनिया में एक बड़ी आबादी वाला देश है, जो न केवल दुनिया में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, बल्कि आधुनिक दौर में चीन की टेक्नॉलाजी भी मजबूत मानी जाती है, ऐसे में चीन में ऊर्जा की खपत बहुत ज्यादा होती है, जिसके लिए विभिन्न तरह के संसाधनों का उपयोग होता है। लेकिन चीन ने तेजी से बढ़ती विकास की रफ्तार के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा भी फोकस बरकरार रखा है। चीन ज्यादा से ज्यादा हरित ऊर्जा का उपयोग न केवल कर रहा है बल्कि इसके लिए प्रोत्साहित भी कर रहा है। यही वजह है कि चीन ने हाल के कुछ सालों में हरित ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है और यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण तथा वैश्विक जलवायु परिवर्तन की दिशा में एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा पर फोकस
चीन ने नवीकरणनीय ऊर्जा पर तेजी से फोकस किया है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक और उपभोक्ता है, जो सौर और पवन ऊर्जा दोनों में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। 2024 तक चीन की सौर क्षमता लगभग 600 गीगावॉट और पवन ऊर्जा क्षमता 400 गीगावॉट तक पहुंच गई है। जबकि 2025 के आखिरी तक इसमें और भी ज्यादा बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। क्योंकि चीन थ्री ग्रोस डैम जैसी बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं के माध्यम से बड़ी मात्रा में स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो चीन के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी साबित हो रही है। इसके अलावा चीन ने पिछले कुछ सालों में ईवी उत्पादन और उपयोग में भी अग्रणी भूमिका निभाई है, दुनिया के 60 प्रतिशत से अधिक ईवी वाहन चीन में बनाए और बेचे जाते हैं, जिनका इस्तेमाल दुनियाभर के देशों में बढ़ा है, जिसकी डिमांड भी बढ़ती जा रही है। जिससे चीन की नवीकरणीय ऊर्जा पर काम करने की क्षमता को समझा जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का हरित ऊर्जा अभियान न सिर्फ घरेलू स्तर पर पर्यावरण सुधार ला रहा है, बल्कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में भी सकारात्मक संकेत दे रहा है। चीन में जलवायु विशेषज्ञ डॉ. ली वेन ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा ‘चीन का यह ट्रांजिशन विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणा है, यदि यही रफ्तार बनी रही तो चीन आने वाले दशक में क्लीन एनर्जी सुपरपावर बन सकता है।’
पर्यावरण संरक्षण में योगदान
चीन केवल नवीकरणीय ऊर्जा पर ही फोकस नहीं कर रहा बल्कि आने वाला कल बेहतर हो इसके लिए पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान निभा रहा है। क्योंकि चीन ने हरित ऊर्जा का लगातार उपयोग किया है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है, क्योंकि इससे ईधन का उपयोग कम हुआ है, हरित ऊर्जा के बढ़ते उपयोग ने कोयले पर निर्भरता को कुछ हद तक कम किया है। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में स्थिरता आने लगी है, वहीं वनरोपण और ‘ग्रेट ग्रीन वॉल’ जैसे प्रयासों से भी चीन ने मरुस्थलीकरण की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया है, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह भी एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। चीन की वैश्विक रणनीतियों में भी हरित ऊर्जा प्राथमिकता बनती जा रही है, बेल्ट एंड रोड एनेविटिव के तहत अब चीन पनबिजली, पवन और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे एशिया और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में भी स्वच्छ ऊर्जा की पहुंच बढ़ रही है। जिससे इस दिशा में भी चीन के प्रयोग को समझा जा सकता है।
2027 का लक्ष्य लेकर चल रहा चीन
जलवायु परिवर्तन के प्रति चीन का यह रुख न केवल वैश्विक तापमान में वृद्धि को सीमित करने में सहायक हो सकता है, बल्कि यह दर्शाता है कि आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ आगे बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि वर्तमान समय में चीन ने अपनी इस क्षमता को साबित किया है। यही वजह है कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में चीन और प्रभाव तरीके से काम कर रहा है। हरित ऊर्जा के क्षेत्र में चीन साल 2027 तक हरित बिजली प्रमाणपत्र बाजार के लिए अच्छी और सुव्यवस्थित प्रणाली स्थापित करने में जुटा है। यही वजह है की चीन में साल 2030 जीईसी बाजार प्रणाली में और अधिक बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है, ताकि देश में हरित बिजली की मांग बढ़ें और दूसरी बिजली का प्रभाव कम हो।
इलेक्ट्रिक आइटमों पर चीन ने फोकस बढ़ाया है, हम जानते है दुनिया में आज चीन ही सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक कार बाजार है, ऐसे में चीन हरित ऊर्जा से ही वाहनों को चार्जिंग कराता है। पिछले कुछ साल में चीन में नवीन ऊर्जा वाहनों के लिए कई चार्जिंग स्टेशन तैयार हो रहे हैं, आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन चीन में वर्तमान में कुल 1 करोड़ 2 लाख 44 हजार स्टेशन बन चुके हैं, जहां सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 31 लाख 22 हजार है, इसके अलावा प्राइवेट स्टेशनों की संख्या 71 लाख 22 है। यानि चीन हरित ऊर्जा के लिए पूर फोकस होकर काम कर रहा है।
चीन के हरित ऊर्जा प्रयासों ने न केवल उसके घरेलू पर्यावरण की स्थिति में सुधार किया है बल्कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो आने वाले भविष्य में न केवल चीन बल्कि दुनिया के लिए भी फायदेमंद होगा। क्योंकि ग्रीन ग्रोथ की दिशा में चीन तेजी से आगे बढ़ा है।