विचार का सागर – जो हमें संजोए रखता है, उसे संजोएं

विचार का सागर – जो हमें संजोए रखता है, उसे संजोएं

देवेंद्र सिंह

हर वर्ष 8 जून को संयुक्त राष्ट्र विश्व महासागर दिवस (UN World Oceans Day) मनाया जाता है, और वर्ष 2025 की थीम है – “विचार का सागर: जो हमें संजोए रखता है, उसे संजोएं” (Wonder: Sustaining What Sustains Us)। यह विषय न केवल महासागर की अद्भुतता और जीवनदायिनी शक्ति को उजागर करता है, बल्कि हमें यह याद दिलाता है कि समुद्रों का संरक्षण हमारे अस्तित्व और भविष्य के लिए अनिवार्य है।

धरती पर जीवन की शुरुआत समुद्र से हुई थी। आज भी महासागर पृथ्वी पर 70% से अधिक क्षेत्र को ढकते हैं और दुनिया के आधे से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। यह वैश्विक जलवायु को नियंत्रित करते हैं, अरबों लोगों को भोजन और आजीविका प्रदान करते हैं, और जैव विविधता का एक अनमोल भंडार हैं।

महासागर न केवल असंख्य जलीय जीवों का घर हैं, बल्कि वे पृथ्वी के जलवायु को संतुलित रखने, ऑक्सीजन प्रदान करने और लाखों लोगों को भोजन व रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमारे ग्रह का “फेफड़ा” हैं और मानव सभ्यता के लिए अमूल्य हैं।

आज महासागर प्रदूषण, प्लास्टिक कचरे, जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक मछली पकड़ने जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। प्रतिवर्ष लाखों टन प्लास्टिक महासागरों में जमा हो रहा है, जिससे समुद्री जीवन खतरे में पड़ गया है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है और कोरल रीफ्स नष्ट हो रहे हैं। वर्तमान समय में महासागर अनेक चुनौतियों से जूझ रहे हैं – जैसे कि प्लास्टिक प्रदूषण, अत्यधिक मछली पकड़ना, समुद्री जैवविविधता का विनाश, अम्लीकरण, तेल रिसाव, और समुद्र स्तर में वृद्धि। यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो इसका प्रभाव सिर्फ समुद्री जीवन पर ही नहीं, बल्कि समस्त मानवता पर पड़ेगा।

विश्व महासागर दिवस का उद्देश्य लोगों में समुद्र के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाना है। इस दिशा में सभी देशों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है:

• समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए सतत विकास नीतियों को अपनाना चाहिए।

• प्लास्टिक उपयोग को सीमित कर वैकल्पिक पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देना होगा।

• वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के माध्यम से महासागरीय जीवन की रक्षा करनी चाहिए।

• समुद्री कानूनों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना भी जरूरी है।

सभी देशों को मिलकर समुद्री पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए। हमारी छोटी-छोटी कोशिशें भी बड़ा बदलाव ला सकती हैं। आइए, हम सब मिलकर एक स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध नीला भविष्य बनाएं!

“महासागर हमारी धरोहर हैं, इन्हें बचाना हमारा कर्तव्य है!”

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