80 प्रतिशत नेटिज़न्स मानते हैं कि वायरस ट्रेसबिलिटी के मुद्दे का राजनीतिकरण हुआ है

80 प्रतिशत नेटिज़न्स मानते हैं कि वायरस ट्रेसबिलिटी के मुद्दे का राजनीतिकरण हुआ है

संबंधित जनमत सर्वेक्षण से पता चला है कि 80 प्रतिशत से अधिक नेटिजनों ने अमेरिका द्वारा वायरस की ट्रेसबिलिटी वाले मुद्दे का राजनीतिकरण किए जाने पर असंतोष व्यक्त किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 28 जुलाई को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सर्वे में भाग लेने वाले नेटिजनों ने अलग-अलग भाषाओं में मन से एक ही स्वर अभिव्यक्त किया। यानी कि कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने से महामारी के नियंत्रण वाले मुद्दे का समाधान नहीं होगा, यह चीन के उदय को रोकने के लिए अमेरिका के प्रयासों को छिपाने के लिए एक मूर्खतापूर्ण और अनुपयोगी राजनीतिक रणनीति है।

संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि सीजीटीएन थिंक टैंक ने 26 जुलाई को एक ऑनलाइन जन सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की, जिसमें दिखाया गया कि वोट में भाग लेने वाले 80 प्रतिशत वैश्विक नेटिज़न्स का मानना ​​​​था कि कोरोना वायरस की ट्रेसबिलिटी के मुद्दे का राजनीतिकरण किया गया था। प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने इसकी चर्चा करते हुए कहा कि सीजीटीएन थिंक टैंक द्वारा किए गए सर्वेक्षण में चीनी, अंग्रेजी, रूसी, फ्रेंच, स्पेनिश और अरबी जैसी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं का उपयोग किया गया, यह अमेरिका में ट्रेसबिलिटी मुद्दे के राजनीतिकरण के साथ वैश्विक जनता के गंभीर असंतोष को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए, महामारी के खिलाफ अपनी अप्रभावी लड़ाई के लिए जिम्मेदारी दूसरों पर डालने, अन्य देशों को बदनाम करने और दबाने के राजनीतिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अमेरिका ने महामारी के राजनीतिकरण, वायरस के दोषारोपण, ट्रेसबिलिटी का राजनीतिकरण किया, जिसने वैज्ञानिक ट्रैसेबिलिटी और समग्र वैश्विक महामारी-रोधी स्थिति को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया।

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